Lakshmi Ji Arti लक्ष्मी जी आरती Hindi&English
Lakshmi Ji Arti लक्ष्मी जी आरती Hindi&English

पढ़ें लक्ष्मी जी आरती हिंदी और अंग्रेजी में

लक्ष्मी जी आरती : लक्ष्मी जी हिंदू भगवान विष्णु जी की पत्नी और दिव्य ऊर्जा (शक्ति) दोनों हैं, जो वैष्णव धर्म के सर्वोच्च प्राणी हैं; वह संप्रदाय में सर्वोच्च देवी भी हैं और ब्रह्मांड को बनाने, रक्षा करने और बदलने के लिए भगवान विष्णु की सहायता करती हैं। अपनी सुंदरता और धन के लिए प्रसिद्ध, लक्ष्मी हिंदू पंथ में सबसे महत्वपूर्ण देवियों में से एक है। जबकि देवी को सौंपे गए कई लक्षण हैं, उन्हें आमतौर पर समृद्धि, धन, भाग्य, प्रेम सुंदरता और खुशी की देवी के रूप में देखा जाता है।

यह देवत्व के माध्यम से भौतिक दुनिया से ऊपर उठने का प्रतीक है, नकारात्मक प्रभावों के बीच अच्छा होने का प्रतीक है। कमल की तरह, समृद्धि की देवी के रूप में, लक्ष्मी जी हमें दिखाती है कि आध्यात्मिक प्रगति के लिए भौतिक धन को कैसे पार किया जाए। कमल शुद्धता, उर्वरता और सौंदर्य का भी प्रतीक है।

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Lakshmi Ji Arti लक्ष्मी जी आरती Hindi&English

|| लक्ष्मी जी की आरती ||

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।

॥ Lakshmi Ji Aarti॥

Om Jai Lakshmi Mata,Maiya Jai Lakshmi Mata।

Tumako Nishidin Sevat,Hari Vishnu Vidhata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Uma Rama Brahmani,Tum Hi Jag-Mata।

Surya-Chandrama DhyavatNaarad Rishi Gata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Durga Roop Niranjani,Sukh Sampatti Data।

Jo Koi Tumako Dhyavat,Riddhi-Siddhi Dhan Pata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Tum Patal-Nivasini,Tum Hi Shubhdata।

Karma-Prabhav-Prakashini,Bhavanidhi Ki Trata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Jis Ghar Mein Tum Rahti,Sab Sadgun Aata।

Sab Sambhav Ho Jata,Man Nahi Ghabrata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Tum Bin Yagya Na Hote,Vastra Na Koi Pata।

Khan-Pan Ka Vaibhav,Sab Tumase Aata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Shubh-Gun Mandir Sundar,Kshirodadhi-Jata।

Ratna Chaturdash Tum Bin,Koi Nahi Pata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

Mahalakshmi Ji Ki Aarti,Jo Koi Jan Gata।

Ur Anand Samata,Paap Utar Jata॥

Om Jai Lakshmi Mata॥

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