श्री गंगा मैया की आरती || Shri Ganga Maiya Arti
|| श्री गंगा मैया की आरती ||
गंगा मां आरती ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
चंद्र सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
शरण पड़े जो तेरी , सो नर तर जाता ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
एक बार जो प्राणी, शरण तेरी आता ।
यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
आरति मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता ।
सेवक वही सहज में, मुक्ति को पाता ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।माता॥
|| Shri Ganga Maiya Arti ||
Om Jai Gange Mata, Maiya Jai Gange Mata l
Jo Nar Tumko Dhyata, Manvanchhit Phal Pata ll
Om Jai Gange Mata, Maiya Jai Gange Mata l
Chandra Si Jyoti Tumhari, Jal Nirmal Aata l
Sharan Pade Jo Teri, So Nar Tar Jata ll
Om Jai Gange Mata, Maiya Jai Gange Mata l
Putr Sagar Ke Tare, Sab Jag Ko Gyata l
Krupa Drishti Ho Tumhari, Tribhuvan Sukh Data ll
Om Jai Gange Mata, Maiya Jai Gange Mata l
Ek Baar Jo Prani, Sharan Teri Aata l
Yan Ki Traas Mitakar, Param Gati Pata ll
Om Jai Gange Mata, Maiya Jai Gange Mata l
Aarti Matu Tumhari, Jo Nar Nit Gata l
Sevak Wahi Sahaj Mein, Mukti Ko Pata ll
Om Jai Gange Mata, Maiya Jai Gange Mata l
श्री गंगा मैया चालीसा || Shri Ganga Maiya Chalisa || English and Hindi